टेस्टिस साइज बड़ा, छोटा होना – testis up and down problem solution in hindi

दूसरे शब्दों में कहे तो अंडकोष के साइज में अंतर होता है जिसमें से एक थोड़ा बड़ा और भारी और दूसरा उससे छोटा और हल्का होता है.

आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है इससे जुड़े सबसे आम सवाल जैसे टेस्टिस के बड़े छोटे होने की पहचान कैसे करें, इसके कारण, निदान, उपचार और जटिलताएंं – testis up and down problem solution in hindi

दोनों टेस्टिकल में से एक का बड़ा होना और दूसरे का छोटा क्या यह कॉमन है? – is it common to have different size testis in hindi

  • दोनों में से एक टेस्टिकल का बड़ा और लटका हुआ होना जबकि दूसरे का उसकी तुलना में छोटा होना बिल्कुल नार्मल है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको इसमें दर्द महसूस नही होना चाहिए. 
  • अगर आपको लगता हैै कि आपका एक टेस्टिकल दूसरे की तुलना में बड़ा है और उसमें दर्द भी है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

मैं कैसे पता करूँ की मेरा एक टेस्टिकल दूसरे से बड़ा है?

  • ऐसा जरूरी नही कि किसी एक तरफ वाला अंडकोष ही भारी हो लेकिन इनमें बहुत ही मामूली अंतर भी हो सकता है.
  • लेकिन आपको बैठने, खड़े होने या चलने फिरने के दौरान टेस्टिकल में दर्द महसूस जैसा कोई भी लक्षण नही हैं.
  • आपके अंडकोष पर किसी भी तरह की लाली या सूजन नही है तो आपको घबराने की जरूरत नही है.
  • टेस्टिकल की शेप गोल होने की बजाएं अंडे की शेप की होती है.
  • इसमें किसी भी प्रकार का उभार आदि नही होता है और यह बहुत स्मूथ होते है.
  • लेकिन अगर आपको कोई उभार या ज्यादा सॉफ्टनेस महसूस होती है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

हेल्दी टेस्टिकल का पता कैसे लगाएं – how to diagnose healthy testicle in hindi

आप खुद के अंडकोष की जांच करना सीख सकते है जिससे आप महसूस कर किसी भी प्रकार का दर्द, उभार, ऐंठन या किसी भी टेस्टिकल में बदलाव आदि का पता लगा सकते है. इसके लिए आपका स्क्रोटम सुकड़ा हुआ आदि न होकर, ढीला होना चाहिए. ध्यान रहें कि महीने में कम से कम एक बार अपनी जांच करनी चाहिए. खुद से जांच के लिए –

  • अपने टेस्टिकल पर अंगुली और अंगूठे को धीरे से घूमाएं, इसे तेज़ी से करने की गलती न करें.
  • टेस्टिकल के नीचे से लेकर पूरा एरिया ठीक से देखे की कही उसपर किसी प्रकार का उभार, फूलाव, साइज में बदलाव, ऐंठन या दर्द आदि तो नही है.
  • स्क्रोटम के अंत में इपीडीडीमिस, स्पर्म को स्टोर करने वाली ट्यूब की भी जांच करें, यह ट्यूब के गुच्छे जैसी महसूस होती है.
  • एक टेस्टिकल पर कर लेने के बाद दूसरे टेस्टिकल पर इस प्रक्रिया को दोहराएं.

किसी एक टेस्टिकल के बड़ा होने के कारण – testis diseases causes in hindi

एपीडीडीमिटिस

  • यह इपीडीडीमिस की होने वाली सूजन होती है जिसका कारण इंफेक्शन होता है.
  • इसे एक प्रकार के एसटीआई का लक्षण होता है जिसे क्लामाइडिया कहते है.
  • पेशाब करने के दौरान किसी भी प्रकार की जलन
  • , डिस्चार्ज, पेनिस पर सूजन या कोई असमान्य बदलाव होने पर डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए.

एपीडीडीमल सिस्ट

  • ज्यादा फ्लूड के कारण होने वाली इपीडीडीमिस की ग्रोथ होती है.
  • इससे कोई नुकसान नही होता है और न ही किसी उपचार की जरूरत पड़ती है.

ओरकाइटिस

  • यह अंडकोष पर होने वाली एक प्रकार की सूजन होती है जो इंफेक्शन या वायरस के कारण होती है.
  • अगर आपको कोई दर्द आदि महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
  • टेस्टिकल के आस पास बनने वाला फ्लूड जिसके कारण सूजन होती है.
  • उम्र बढ़ने के साथ ही फ्लूड बनना नार्मल हो जाता है और आपको उपचार की जरूरत नही पड़ती है.
  • हालांकि यह सूजन होना भी होता है.

वैरीकोसेल

  • स्क्रोटम की नसों का बड़ा हो जाने की स्थिति को वैरीकोसेल कहा जाता है.
  • इसके कारण लो स्पर्म काउंट हो सकता है.
  • इसके साथ किसी अन्य लक्षण के न होने पर इसके उपचार की जरूरत नही पड़ती है.

टेस्टिकुलर टॉर्सन

  • अंडकोष के ज्यादा घूमने से स्पर्मेटिक कॉर्ड मूड जाती है इसे टेस्टिकुलर टॉर्सन भी कहते है.
  • इसके होने पर टेस्टिकल तक खून धीरे या पहुँचना बंद हो जाता है.
  • चोट लगने के बाद लगातार टेस्टिकल्स में दर्द रहने पर या कभी भी दर्द होने आदि स्थिति में डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
  • टेस्टिकुलर टॉर्सन एक प्रकार की इमरजेंसी कंडीशन है जिसमें तुरंत चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है. Read More!!